यही आध्यात्मिक विकास का मार्ग है। इसमें स्तोत्र और मंत्र भी शामिल हैं जो शुद्ध शास्त्र हैं। इसमें स्वामी समर्थ, सामुदायिक प्रार्थना, आरती खंड, भगवान शंकर, कुलदेवता, भगवान रामचंद्र, वीर हनुमान की सेवा करने के लिए भजन और मंत्र शामिल हैं।
श्री स्वामी समर्थ।